Computer Basic Knowledge in Hindi – कंप्यूटर बेसिक नॉलेज इन हिंदी | कंप्यूटर फंडामेंटल इन हिंदी

हैलो पाठक , दोस्तो स्वागत है आपका फिर से हमारे ब्लॉग पर । आज फिर हम आपके लिए Computer की basic knowledge के बारे में बताऊंगा , पूरा आर्टिकल पढ़िएगा आपको पूरी help मिलेगी। 

Table of Contents

आप जब कई बाहर जाते हो तब कोई भी व्यक्ति आपसे Basic Knowledge Of Computer के बारे में कुछ पूछता है तो हम उसका जवाब नहीं दे पाते है और सिर्फ हम.. हम Computer Basic Knowledge के बारे में जानने।

 

Basic Knowledge Of Computer in Hindi :

कंप्यूटर का परिचय हिंदी में :

कंप्यूटर एक मशीन (machine) है जिसका उपयोग हमारे जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है। वेब प्रौद्योगिकी (Web technology), (Internet) और मोबाइल (Mobile) फोन के विकास इंटरनेट
 
ने ज्ञान के नए आयाम स्थापित किये हैं और एक नयी विचार प्रक्रिया को जीवन दिया है। कंप्यूटर पर सतत अनुसंधान (regular research) एवं विकास (development) की गति को देखते हुए यह कह सकते हैं कि यह हमें जीवन में नए नए अनुभवों (new (experiences) से अवगत करवाता रहेगा।
 
पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) गणना (calculation), डिजाइन (Design) और प्रकाशन प्रयोजनों (publishing purposes) के लिए छात्रों, इंजीनियरों, रचनात्मक लेखकों द्वारा इस्तेमाल जाता है।’ कंप्यूटर ने सीखने की प्रक्रिया को भी बेहतर (enhance) किया है। विद्यार्थी कक्षा (class) में ही नहीं बल्कि जब वह यात्रा कर रहा हो, या PC (पर्सनल कंप्यूटर) के साथ घर पर बैठ कर भी अपनी पढ़ाई कर सकता है। इंटरनेट प्रौद्योगिकी (Internet Technology ) से हर व्यक्ति को सभी जानकारी प्राप्त होना संभव हुआ है। लोग अब पूछताछ (enquiries), बैंकिंग,खरीदारी (shopping) और कई अन्य कार्यों के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं। वर्तमान में हम सूचना सुपर हाइवे (information superhighway) के एक युग से गुजर रहे हैं जहां सभी प्रकार की जानकारी सिर्फ कंप्यूटर के एक बटन पर क्लिक करके उपलब्ध की जा सकती है।
 

Q .कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था?

Ans. चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर का आविष्कार किया था।
 

Q. कंप्यूटर की खोज कब हुई ?

 
Ans. Computer की खोज “1822” में हुई थी।
 
 

कंप्यूटर की परिभाषा इन हिंदी :

 

कंप्यूटर सिस्टम – परिभाषा (Computer System-Definition)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic Device) है। कंप्यूटर ऐसे उपकरणों (Devices) से बने होते हैं, जो डेटा को इनपुट (Input) करते है, प्रोसेस (Process) करते है एवं संग्रहीत (Store) करते है और इच्छित स्वरूप (Desired Format) में परिणाम देते है। डेटा का मतलब रॉ फैक्ट्स एंड फिगर्स (Raw Facts & Figures) है।
डेटा एक इनपुट डिवाइस (Input Device) के माध्यम से, जैसे की कीबोर्ड (Keyboard), से कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है और कंप्यूटर की मेमोरी (Memory) में संग्रहीत (Stored) किया जाता है।
इसके बाद यह दिए गए निर्देशों के सेट के अनुसार कार्य (Process) करता है। कंप्यूटर परिणाम को आउटपुट डिवाइस के माध्यम से, जैसे की मोनिटर (Monitor) प्रदर्शित करता है।
कंप्यूटर डेटा संसाधित (Process) करता है और सूचना का उत्पादन (Information Production) करता है। कंप्यूटर केवल विद्युत संकेतों (Electrical Signal)
जैसे की ON और OFF, को ही समझ सकते हैं जहाँ ON का मतलब सर्किट ON है एवं OFF का मतलब सर्किट OFF है (Binary Signals).
 
 

कंप्यूटर का वर्गीकरण इन हिंदी:

 
कंप्यूटर अपनी डेटा प्रसंस्करण क्षमता (data processing capabilities) आधार पर वर्गीकृत (Classified) किया जा सकता है। कम्प्यूटर उनके उद्देश्य, डेटा को संभालने की क्षमता (data handling, functionality), कार्यक्षमता, आकार (size). भंडारण क्षमता (storage capacity) और प्रदर्शन (performance) के आधार पर वर्गीकृत किए गए हैं।
 
 
 

आकार, भंडारण क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर वर्गीकरण : 

 
कंप्यूटर (Computer) एक बड़े कमरे के आकार तक बड़ा और एक लैपटॉप (laptop) के रूप में छोटा हो सकता है या मोबाइल (mobile) में माईक्रो नियंत्रक (micro controller) और एम्बेडेड सिस्टम (embedded system) तक के आकार के हो सकते हैं। कम्प्यूटर्स के चार प्रकार हैं: सुपर कंप्यूटर, मैनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर |
 
 

कंप्यूटर की विशेषताएं हिंदी में :

1.स्पीड (Speed): 

Computer बहुत ही उच्च गति (High Speed) पर डेटा को प्रोसेस (data process) करता है। कंप्यूटर डेटा की एक बड़ी मात्रा (huge amount of data) को संसाधित (process) करने के लिए केवल कुछ ही सेकंड लेता है अर्थात लाखों निर्देशों को सेकड़ों में ही संसाधित (process) किया जा सकता है।

2. शुद्धता (Accuracy): 

कंप्यूटर द्वारा उत्पादित परिणाम (produced result) पूर्णरूप से सही होते हैं। यदि कंप्यूटर में सही डेटा दर्ज किया गया है तो प्राप्त परिणाम एकदम सटीक होगा। कंप्यूटर GIGO (Garbage In Garbage Out) के सिद्धांत पर काम करता है। 

3. उच्च संचयन क्षमता (High Storage Capacity): 


कंप्यूटर की मेमोरी बहुत अधिक (large memory) होती है. और बड़ी मात्रा के डाटा को कॉम्पैक्ट ढंग (Compact manner) से स्टोर कर सकते हैं। कोई भी जानकारी या डेटा कंप्यूटर में एक लंबे समय तक के लिए स्टोर रहता है। इस सुविधा के साथ, (repetition) पुनरावृत्ति से बचा जा सकता है।

4. विविधता (Versatility):

 कंप्यूटर अनेक प्रकार के कार्यों को करने में उपयोग किया जा सकता है, जैसे की हम पत्र लिखने (write letters) के लिए पत्रक तैयार करने ((prepare sheets), संगीत सुनने, वस्तु सूची के प्रबन्धन (prepare inventory reports), अस्पताल प्रबंधन (hospital management), बैंकिंग और कई और प्रकार के कार्य कर सकते हैं।
5. परिश्रमशीलता (Diligence):
 
कंप्यूटर एक मशीन होने के नाते थकान (fatigue), एकाग्रता (concentration) की कमी और बोरियत(boredom) से मुक्त होता है। कंप्यूटर जिस गति से पहले निर्देश को संसाधित (Process) करता है, उसी गति से आखिरी निर्देश को संसाधित (Process) करने में सक्षम (capable) होता है।

लिमिटेशन (Limitations):

कम्प्यूटर एक मूक (Dumb) मशीन है और वह स्वयं कुछ नहीं कर सकता है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन (electronic device) है जोकि डाटा को ग्रहण करने की क्षमता रखता है एवं दिए हुए दिशा निर्देशों की पालना करते हुए इनफार्मेशन या सिग्नल के रूप में आउटपुट देता है। एक अप्रत्याशित स्थिति (unanticipated situation) में कंप्यूटर अपने आप कोई भी निर्णय नहीं ले सकता है। निर्देशों के क्रम को कंप्यूटर स्वयं नहीं बदल सकता है। कम्प्यूटर का आई. क्यू. (Intelligent Quotient) नहीं होता है।

 

Computer का full form क्या है 

 
Computer कुल मिलाकर 8 शब्दो से बना है। 
 
C का अर्थ : Common
 
O का अर्थ : Oriented
 
M का अर्थ : Machine
 
P का अर्थ : Particularly United
 
U का अर्थ : Used Under
 
T का अर्थ : Technology
 
E का अर्थ : Educational
 
R का अर्थ : Reaserch
 
 
 

कंप्यूटर शुरू कैसे करें :

 
डेस्कटॉप (Desktop)/ लैपटॉप (Laptop) को “ON” बटन दबाकर शुरू किया जा सकता है। आम तौर पर डेस्कटॉप / लैपटॉप में अगले हिस्से पर एक पॉवर (ON/ OFF) बटन होता है। अपने कंप्यूटर को शुरू करने के लिए इन चरणों (Steps) का पालन करें:
 
Step 1: कंप्यूटर पर ‘ON/ऑन’ बटन ढूंढ़ें, यह नीचे चित्र में दिखाए अनुसार दिख सकता है लेकिन वर्ग (Square) या आयताकार (Rectangular) भी हो सकता है):
 
Step 2 : बटन को दबाएँ (Push करें )।
कुछ कंप्यूटरों पर, कंप्यूटर की ON/ऑन स्थिति में बटन रोशन (Lights up) होता है। लैपटॉप पर, सामने वाले हिस्से पर अक्सर एक लाइट होती। अगर डेस्कटॉप मॉनिटर (Monitor) से जुड़ा होता है, तो सुनिश्चित करें कि मॉनिटर चालू (ON) है। अधिकांश कंप्यूटर मॉनीटर्स पर स्क्रीन के निचले कोने पर एक ‘ON/OFF’ बटन होता है (चित्र में देखें)। मॉनिटर चालू होने पर बटन अक्सर हरे रंग (Green Colour) की रोशनी से रोशन होता है।
 
Step 3 : अब आपको कंप्यूटर पर “लॉग-इन (Login )” करना होगा। यदि आप अपने कंप्यूटर के एकमात्र उपयोगकर्ता/यूजर (User) हैं, तो इसके शुरू (ON) होने पर सीधे डेस्कटॉप पर पहुंच सकते हैं:
 
यदि आप किसी सार्वजनिक (Public) कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं उदाहरण के लिए. एक पुस्तकालय या साइबर कैफे में- तो आपको लोगिन (Login) करने के तरीके के बारे में निर्देश दिए जाएंगे।
 
यदि आप अपने कंप्यूटर को अन्य लोगों के साथ साझा (Share) कर रहे हैं तो प्रत्येक उपयोगकर्ता (User) का एक अलग लॉग इन खाता (Login Account) बनाया जाएगा। जब आप कप्यूटर शुरू करते हैं, तो स्क्रीन (Screen) कुछ इस तरह दिखाई देगी:
 
जब आप अपने नाम के ऊपर स्थित आइकन (Icon) पर क्लिक करेंगे, तो आपको एक पासवर्ड (Password) के लिए कहा जाएगा आरंभ (Start) करने से पहले मुख्य उपयोगकर्ता (User) या व्यवस्थापक (Administrator) को आपके लिए इसे सेट करना चाहिए अपने पासवर्ड को टाइप करें और तीर (Arrow) पर क्लिक करें |
 
 

Computer के कितने Parts होते हैं ( computer ke kitne parts hote hain) 

 
Computer के दो मुख्य घटक होते है 
  • Hardware
  • Software
 

 

Software क्या है (software kya hai in hindi ) 

 
हम कंप्यूटर की मदद से विभिन्न प्रकार के कार्यों को संपन्न कर सकते है। असल में सभी प्रक्रियाएँ (processes) सॉफ्टवेयर की मदद से की जाती है जो किसी एक सेकण्डरी मेमोरी डिवाइस (secondary memory device) में संग्रहित (store) हो जाती है। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (programs) का एक और नाम है। सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का संग्रह है जो एक विशेष प्रयोजन (purpose) के लिए लिखा गया है। प्रोग्राम (program) एक निर्देशों का समूह (set of Instructions) है जो की किसी विशेष प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language) में लिखा गया है। सॉफ्टवेयर के दो प्रमुख प्रकार हैं: सिस्टम ● सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (System Software and Application Software)। इन दोनों सॉफ्टवेयरों के अपने अपने कार्य क्षेत्र है।
 
 

Software कितने तरह के होते हैं ( software kitne prakar ke hote hain in hindi )  

 

Software दो प्रकार के होते है :- 

  • System Software
  • Application Software
 
 
System Software Kya Hai in Hindi (सिस्टम सॉफ्टवेयर इन हिंदी ) 
 
सिस्टम सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो पहले उपयोगकर्ता (User) से सूचना का आदान प्रदान करता है और फिर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) के साथ काम करता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को अपने आंतरिक संसाधनों (Internal Resources) का प्रबंधन करने में मदद करता है। सिस्टम सॉफ्टवेर सिर्फ एक प्रोग्राम नहीं है, बल्कि कई प्रोग्रामों का एक संग्रह है। सिस्टम प्रोग्राम्स के महत्वपूर्ण घटक (Component) निम्न प्रकार है:
 
सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार का होता है ( system software kitne prakar ka hota hai in hindi )
 
 
➤ ऑपरेटिंग सिस्टम (O.S.)
 
ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो की कंप्यूटर हार्डवेयर (hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) संसाधनों (सीपीयू (CPU), मेमोरी ( memory), इनपुट (Input) और आउटपुट (Output) आदि) का प्रबंधन और कंप्यूटर प्रोग्राम के लिए आम सेवाएं प्रदान करता है। यह कंप्यूटर और उपयोगकर्ता (User) के बीच एक इंटरफेस (Interface) प्रदान करता है। विंडोज ओएस (Windows OS) कंप्यूटर पर सबसे अधिक और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक है। लिनक्स (Linux) और यूनिक्स ओएस (Unix OS) भी कुछ विशेष प्रकार की एप्लीकेशन में इस्तेमाल किया जाता है। वे कई प्रकार के होते हैं, जैसे एम्बेडेड (embedded), वितरित (distributed), रियल टाईम (real time) आदि |
 
 

➤ यूटिलिटीज (Utilities)

 
यूटिलिटीज विभिन्न प्रकार की सेवाएँ हैं जो की ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा प्रदान की जाती हैं ( यूटिलिटीज जैसे ड्रोफ्रेग्मेंटर (disk defragmenter) अवाछनीय फाइल (undesirable file) को हटाने एव डिस्क के संसाधनों को पूर्ण रूप से काम में लेने के लिए उपयोगी होती हैं। इस सुविधा के द्वारा हम डिस्क स्पेस (Disk Space) को भी व्यवस्थित कर सकते हैं।
 

➤ डिवाइस ड्राइवर (Device drivers)

 
ये एक तरह के विशेष प्रोग्राम होते है जो अन्य इनपुट और आउटपुट डिवाइस को बाकी के कंप्यूटर प्रणाली के साथ संवाद (Communicate) करने की अनुमति प्रदान करते है।
 

➤ सर्वर (Servers)

 
सर्वर की आवश्यकता तब पड़ती है जब अलग अलग यूजर (User) द्वारा किये गये अनुरोधों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम को रन करने की जरुरत होती है।
 
 
 

Application Software क्या होता है ( Applicaton Software in Hindi)

 
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वो सॉफ्टवेयर है जो विशेष रूप से उपयोगकर्ताओं (Users) के लिए तैयार किये जाते है-इनको एंड यूजर प्रोग्राम्स (End User Program) भी कहते है। कुछ प्रोग्राम्स जैसे डाटाबेस प्रोग्राम वर्ड प्रोसेसर, वेब ब्राउजर, स्प्रेडशीट एप्लीकेशन सॉफ्टवेर (database programs, word processors, Web browsers and spreadsheets ) की श्रेणी में आते है। इन प्रोग्रामों कों बेसिक या स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशन (Specialised Application) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
 
 

बेसिक एप्लीकेशन (Basic Applications) 

इन एप्लिकशनों को व्यापक रूप से जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है
 
➤ व्यापार (Business)
 
➤ शिक्षा (Education)
 
➤ चिकित्सा विज्ञान (Medical Sciences)
 
➤ बैंकिंग (Banking)
 
➤ इंडस्ट्रीज (Industries)
 
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग आप अनेक कामों के लिये कर सकते है जैसे संदेश भेजने (Sending message), दस्तावेज़ (document) तैयार करने, स्प्रेडशीट (Spreadsheet) बनाना, डेटाबेस (Database), ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) आदि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कि इस तरीके से तैयार किये जाते है जिससे उपयोगकर्ता के लिये काम करना आसान हो जाता है। उदाहरण के लिए यदि कोई उपयोगकर्ता कोई /कभी भी वर्ड (MS Word) फ़ाइल बनाता तो उसे margin, line spacing, font साइज़ पहले से ही सेट मिलता है जिसे वो अपने अनुसार चेंज कर सकता है। उपयोगकर्ता (यूजर) डॉक्यूमेंट में रंग भरने, शीर्षकों और तस्वीरें आवश्यकता अनुसार जोड़ सकते हैं।
 
उदाहरण :- एक वेब ब्राउज़र एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेर है जिसे विशेष रूप से इंटरनेट पर पाई जाने वाली इनफार्मेशन एवं कंटेंट खोजने के लिए तैयार किया गया है।
 
वेब ब्राउज़र के नाम (Browsers names): इंटरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer), मोज़िला फायरफोक्स (Mozilla Firefox), गूगल क्रोम (Google Chrome) एवं सफारी (Safari) आदि
 
 
स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशन (Specialized Applications) में हजारों अन्य प्रोग्राम है जोकि विशिष्ट विषयों और व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कुछ सबसे अच्छे प्रोग्राम्स है- ग्राफिक्स, ऑडियो, वीडियो, मल्टीमीडिया, वेब लेखन, और कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence) ।
 
 
उपयोगी जानकारी : – एक सॉफ्टवेयर सूट (software suite) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों का एक समूह है जो सम्बंधित फक्शनलिटी (functionality) के लिये बना होता है। उदाहरण के लिए ऑफिस सॉफ्टवेयर सूट (Office Software Suites) में वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, डेटाबेस, प्रेजेंटेशन और ईमेल शामिल हो सकते है।
 
 
 
 

Hardware क्या है ( hardware kya hai in hindi) 

 
हार्डवेयर – एक सामान्य शब्द है जोकि कंप्यूटर प्रणाली के किसी भी घटक (Component) की उपस्थिति (physical presence) का वर्णन करने के लिए, जिसे देखा और छुआ जा सके इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कंप्यूटर केस, मॉनीटर, कीबोर्ड और माउस भी शामिल है। इस तरह से कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, प्रिंटर, मदरबोर्ड, मेमोरी चिप्स, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, एक्सपेंशन कार्ड, केबल, स्विच (monitor, computer case, keyboard, printers, electronic circuttry, memory chips, motherboard, expansion cards, cables, switches) जिसे आप छू कर महसूस कर सकते हैं वे उपकरण शामिल हैं।
 

हार्डवेयर कितने प्रकार के होते है  

 
 
हार्डवेयर कंपोनेंट्स ((components) 
को अक्सर इनपुट, आउटपुट, स्टोरेज या प्रोसेसिंग कंपोनेंट्स (components) के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। हार्डवेयर कपोनेंट्स जो सीपीयू (CPU) का एक अभिन्न हिस्सा नहीं है उन्हें पेरिफेरल उपकरणों (peripheral devices) के रूप में संदर्भित किया जाता है, पेरिफेरल उपकरणों को आमतौर पर इनपुट, स्टोरेज या आउटपुट (जैसे हार्ड डिस्क, कीबोर्ड या प्रिंटर) के लिए उपयोग किया जाता है।
 
इनपुट डिवाइस (Input Device)
एक ऐसी हार्डवेयर डिवाइस है यूजर से इनफार्मेशन (information) स्वीकार करती है, इनफार्मेशन को इलेक्ट्रिकल सिग्नल (electrical signals) में कन्वर्ट करती है और उसके बाद प्रोसेसर को संचारित (transmit)) करती है। इनपुट डिवाइस का मुख्य कार्य मनुष्य (Humans) को कंप्यूटर के साथ इंटरेक्शन करवाना होता है। उदाहरण के लिए अगर आप कंप्यूटर पर गेम खेल रहे हो तो माउस पॉइंटर (यूजर इंटरफेस के डिजाइन में एक आम तत्व) के द्वारा आप नेविगेशन कण्ट्रोल कर सकते है।
 
आउटपुट डिवाइस (Output devices) 
कंप्यूटर सिस्टम से इनफार्मेशन लेता और ऐसी रूप में परिवर्तित करता है जिसको मनुष्यों (Humans) द्वारा आसानी से समझा जा सकता है। उदाहरण लिए मॉनिटर यूजर के लिए प्रोसेसर के द्वारा प्रोसेस की गयी इनफार्मेशन को विसुअल डिस्प्ले (Visual display) के द्वारा दिखाता है।
 
प्रोसेसिंग डिवाइस (Processing devices) 
कंप्यूटर के भीतर इनफार्मेशन की प्रोसेसिंग के लिए जिम्मेदार कपोनेंट हैं। इनमे सीपीयू, मेमोरी और मदरबोर्ड डिवाइस शामिल हैं।
 
स्टोरेज डिवाइस (Storage devices) 
एक ऐसा कंपोनेंट हैं जो कंप्यूटर के भीतर डेटा संग्रहीत करने की अनुमति प्रदान करता है। इनमे हार्ड डिस्क ड्राइव और कॉम्पैक्ट डिस्क ड्राइव शामिल हैं।
 

कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computers)

 
काव्यूटर का उपयोग हमारे जीवन में व्यापक हो गया है कम्प्यूटर और उसके संबंधित उपकरण के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। कंप्यूटर ने हमारे जीवन को आसान (casy), सरल(Simple), कशल (efficient) और उत्पादक(productive) बना दिया है। कंप्यूटर आज लगभग सभी क्षेत्रों में जैसे शिक्षा, चिकित्सा, वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रशासन, परिवहन, रेलवे, रोडवेज, संचार, व्यापार, मनोरंजन, घर, अस्पतालों (education, medicine scientific research, govermance transportation, railways, roadways, communication, business, entertainment, home. hospitals) आदिमें इस्तेमाल किया जा रहे है।
 
 
 

Input Devices Of Computer in Hindi  

 
  • कीबोर्ड (Keyboard)
  • पॉइंटिंग डिवाइस ( Pointing Device)
  • माउस (Mouse)
  • टच पैड (Touch Pad)
  • ट्रैक पॉइंट ( Track Point)
  • ट्रैक बॉल (Trackball)
  • जॉय स्टिक्स (Joystick)
  • स्कैनर ( स्कैनर)
  • मिडी डिवाइस (Midi Device)
  • Magnetic Ink Character Recognition
  • Optical Mark Reader or OMR
  • Optical Character Recognition or OCR
  • Bar Code Reader
  • Speech Recognition Device
  • Webcam
 

Output Device ke naam hindi mein

  • मॉनिटर (Moniter)
  • CRT मॉनिटर (CRT Monitor)
  • फ्लैट पैनल मॉनिटर
  • प्रिंटर (Printer)
  • इंपैक्ट प्रिंटर
  • प्लॉटर (Plotter)
  • Speaker
  • Multi media projecter
 

Input/Output Device 

ऐसे कई पेरीफेरल डिवाइस जो इनपुट और आउटपुट डिवाइस दोनों के के रूप में इस्तेमाल किए जाने की क्षमता होती हैं।
  • फैक्स मशीन
  • Multi function उपकरण (MFD Device)
  • Modem
 
 

Computer Memory Kya Hai in Hindi (कंप्यूटर मेमोरी क्या है )  

 
कंप्यूटर मेमोरी मानव मस्तिष्क (Brain) के समान है। कम्प्यूटर मेमोरी डाटा एवं इनफार्मेशन को स्टोर करता है। कम्प्यूटर मेमोरी एक भंडारण स्थान (Storage Space) है जहाँ वह डाटा और इनफार्मेशन रखा जाता है जिसको प्रोसेस (Process) किया जाना है ।
 
 

कंप्यूटर मेमोरी कितने प्रकार की होती है 

 
मेमोरी तीन प्रकार की होती है –
  • कैश मेमोरी (Cache Memory)
  • प्राइमरी मेमोरी ( Primary Memory)
  • सेकेंडरी मेमोरी (Seconadary Memory)

Primary Memory दो प्रकार की होती है 

  • RAM (random access memory
  • ROM (read only memory)
 
 

Computer Basic Shortcut Keys in Hindi

15 shortcut keys of the computer

  1. F1 – for help
  2. F2 – for rename a file and folder
  3. F3 – for search box
  4. Alt + F4 – fox exit window
  5. F5 – for refresh
  6. F7 – for menu spelling and grammar
  7. F12 – for save as
  8. Shift+Delete – for parmanent delete file and folder
  9. Tab Key – for multiple space
  10. Black Space Key – for delete data in left side 
  11. Delete key – for delete data in right side
  12. Ctrl + S – file save करने के लिए
  13. Ctrl + O – file को ओपन करने के लिए
  14. Ctrl + W – file को बंद करने के लिए
  15. Ctrl + N – New file को खोलना ।
 
 

आज आपने क्या सीखा (निष्कर्ष)  

 
तो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में मैने आपको कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज – Basic Knowledge Of Computer in Hindi  के बारे में बताने की पूरी कोशिश कि है उम्मीद है कि आपको आर्टिकल पसंद आया होगा । अपने दोस्तो के साथ शेयर करें और सोशल मीडिया पर भी शेयर करें धन्यवाद ! 
 

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