Pashupatinath Vrat- पशुपतिनाथ व्रत
नमसकर दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर | आज के इस पोस्ट मे आपको बतायेंगे की पशुपति व्रत की विधि प्रदीप मिश्रा,pashupatinath vrat ke niyam,pashupati vrat ke fayde,pashupatinath vrat ki samagri, pashupatinath vrat ke udyapan vidhi, पशुपतिनाथ व्रत का उद्यापन कैसे करें,पशुपतिनाथ व्रत का महत्व |
दोस्तों यह सब जानने के लिए आपको पूरा आर्तिक्ले ध्यान से पड़ना होगा, पशुपतिनाथ व्रत मे सावधानिया होती है तो ध्यान से पोस्ट पड़कर ही व्रत करे |

पशुपति व्रत के फायदे (pashupati vrat ke fayde) :
दोस्तों आप अगर पशुपतिनाथ के व्रत के फायदे जितने बताऊ उतने कम है , पशुपति व्रत को मनोकामना पूरी करने के लिए किया जाता है | आप भी अगर अपनी किसी मनोकामना को पूरी करना चाहते हो तो दोस्तों आप पूरी श्रध्दा लग्न और भक्ति भाव से भगवान पशुपति नाथ के व्रत को करे, सच मानो आपकी कोई भी मनोकामना हो या कोई इच्छा अथवा कोई आपका काम रुक गया हो जो किसी वश पूरा नहीं हो रहा है तो आप पशुपति व्रत करोगे तो आपके सभी इच्छाए या जिस कामना के लिए आप सचे मन से व्रत करोगे तो पूरी हो जाएगी |
पशुपति व्रत की विधि प्रदीप मिश्रा
पशुपतिनाथ व्रत कब से शुरू करें :
दोस्तों मे आपको बता दू पशुपति व्रत को कभी भी किसी भी महीने से शुरू कर सकते है | हमारे शास्त्रों और शिवपुराण के अनुसार पशुपतिनाथ के व्रत को किसी भी पक्ष मे जैसे कृष्ण पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष मे कर सकते है | आप चाहे तो इसे श्रावण माह मे भी कर सकते हो, मेरा तो यही कहना है की आप किसी भी महीने मे पशुपति व्रत को शुरू कर सकते हो |
पशुपतिनाथ व्रत के नियम (pashupatinath vrat ke niyam) :
- पशुपतिनाथ व्रत क पहला नियम यही है की इस व्रत को सोमवार को ही किया जा सकता है|
- पशुपति व्रत का दूसरा नियम यह कहता है की इसे सिर्फ 5 सोमवार तक ही किया जाता है |
- इसका तीसरा नियम यह है की इसमें आप एक समय ही खाना खा सकते हो |
- व्रत के दिन आप पूरी तरह पवित्र रहे मतलब स्नान आदि कर के ही मंदिर जाए |
- पशुपति व्रत मे आप सुबह भी शिव मंदिर जाए |
- पशुपति व्रत मे शाम को शिवालय जाना आवश्यक होता है |
- पशुपति व्रत मे शाम को मंदिर मे जाकर पूजा करके आने के बाद ही आप भोजन कर सकते हो |
- व्रत वाले दिन आप दोपहर मे सोए ना |
- व्रत वाले दिन आप मन मे ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” का जाप करते रहे |
- व्रत वाले दिन जो प्रसाद आप खाओगे वो सिर्फ आपको ही खाना है ओर किसी को ना दे
- पूरा आर्टिकल पड़े अभी आप व्रत विधि भी जानेगे |
- व्रत वाले दिन आप किसी के बारे मे भी बुरा भला ना बोले और ना ही सोचे मन को साफ़ रखे|
पशुपतिनाथ व्रत मंत्र (pashupatinath vrat mantra) :
पशुपति व्रत मे ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” का जाप करते रहो | जिससे आपको मन शांति भी प्राप्त हो, और आपका ध्यान भगवन मे लगा रहे |
पशुपतिनाथ व्रत किसे नहीं करना चाहिए :
पशुपति व्रत को उन लोगो को नहीं करना चाहिए जो व्यक्ति बुजुर्ग , बीमार , छोटे बच्चे , गर्भवती महिला आदि जो व्रत करने मे असमर्थ हो तो वोह यह व्रत ना करे , क्योकि भगवन हमें कस्ट मे देख कर प्रशन नही होते है | ये सभी लोग सिर्फ मन मे ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” क जाप करते रहे | आपकी सभी इच्छा पूरी |
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पशुपतिनाथ व्रत की विधि (pashupatinath vrat vidhi) :
- पशुपति व्रत को सिर्फ सोमवार को ही स्टार्ट / शुरू करे |
- पशुपति व्रत के दिन सोमवार को आप सबसे पहले सुबह जल्दी उठे और स्नान आदि करे|
- उसके बाद आप पूजा की थाली को तैयार करे |
-
पशुपतिनाथ व्रत की सामग्री :
- कुमकुम
- चन्दन
- अक्षत (बिना खंडित चावल )
- अबीर, पुष्प
- बिल्व पत्र (पत्ते कटे हुए नही होने चाहिए)
- धतुरा, आकड़ा के पुष्प
- शुद्ध आपके घर क ही जल जिसमे छोड़ी सी गंगा जल मिल मिलाए
- भांग ( जरुरी नहीं )
- कच्चा दूध
- सफ़ेद चन्दन
- मोली
- थाली मे यह सभी सामग्री रख कर आप सुबह भोलेनाथ के मदिर जाकर उनकी पूजा करने जाए |
- मदिर मे जाने के बाद आप सबसे पहले मदिर घंटी बजाये, फिर वहा एक आसन लगा कर बैठ जाए|
- अब आप सबसे पहले दूध ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं “को मन मे बोलते हुए शिवलिंग पर चड़ाए |
- अब आप पानी ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” बोलकर चड़ाए |
- अब आप भोलेनाथ को चन्दन लगाये, अक्षत चड़ाए , पुष्प भी समर्पित करे ध्यान रहे की मन मे ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं “को बोलते रहे|
- अब आप जो बिल्व पत्र लाये थे वो भी ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” मंत्र बोल कर एक एक करके चड़ाए |
- अब आप वह बैठे सभी भगवान् पर पानी चड़ाए |
- और उन पर चन्दन , कुमकुम लगाये तथा पुष्प भी समर्पित करे |
- मोली को भी भोलेनाथ को समर्पित करे , और अगर बत्ती , दिया करे |
- अब वहा बैठ कर 5 मिनट ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” मंत्र का जाप करे , और जो आपकी इच्छा है उसके बारे मे भगवान पशुपतिनाथ को बताये |
- अब दोस्तों घर पर आकर जो थाली की पूजा की है उसे धोये ना, उसी थाली को अलग रख दे क्योकि शाम को भी वही पूजा थाली ले जाए |
- अब आप दोपहर मे फलहार कर सकते है |
- शाम को आपको उसी पूजा की थाली मे आपको 6 घी के दिए रखे ध्यान रहे घर से जला कर नहीं ले जाए , मदिर मे जाकर ही प्रजवलित करे |
- और मीठे का प्रसाद भी रखे |
- अब आप मंदिर जाए ओर पहले भोलेनाथ को चन्दन लगाकर , मीठे क प्रसाद आप ले गये थे उसके तीन हिस्से कर दे |
- उन तीन हिस्सों मे से 2 हिस्से आप भोले नाथ के पास मे रख दे |
- और जो आप 6 घी के दिए ले गये थे, उनमे से 5 घी के दिए वाही पर प्रज्वलित करे रखे|
- और वो मीठे के प्रसाद क एक हिस्सा और 1 बचा हुआ घी का दिया वापस थाली मे रख दे |
- अब आप वहा बैठ कर 5 मिनट ” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” मंत्र का जाप करे|
- अब आप घर पर आये लेकिन घर मे घुसने से पहले अपने दाहिने हाथ की तरफ घर के चोखट पर बहार वो 1 घी का दिया अपनी इच्छा को मन मे बोलते हुए उस दिए प्रज्वलित करे |
- अब आप घर मे आ जाओ और आपने जो खाना खाने के लिए बैठ जाओ और सबसे पहेले जो प्रसाद क एक हिस्सा लाये थे वो पहेले खाए ध्यान रहे वो प्रसाद किसी को भी ना दे चाहे वो आपके घर का ही सदस्य क्योना हो |
- उसके बाद आप भोजन का ग्रहण कर सकते हो |
- आपको इसी तरह 5 सोमवार तक इसी विधि के अनुसार व्रत करे |
पशुपतिनाथ व्रत का उद्यापन विधि (pashupati vrat ka udyapan kaise karen) :
- पशुपति व्रत का उद्यापन करना बहुत आसन है |
-
पशुपतिनाथ व्रत का उद्यापन सामग्री :
- 1 श्री फल
- 108 अक्षत अथवा
- 108 बिल्व पत्र
- दक्षिणा आपकी सामर्थ के अनुसार
- 5 वे सोमवार के दिन आप शाम को मदिर जाते वक़्त यह सब भी साथ ले जाए |
- ध्यान रहे पहेले वह सब विधि से पूजन करे जो आप हर सोमवार करते हो |
- उसके 108 बिल्व पत्र अथवा 108 अक्षत शिवलिंग पर चड़ाए |
- अब श्री फल के साथ दक्षिणा भी चड़ाए |
- अब आप घर आ जाए और पहले चोखट पर दिया लगा कर , प्रसाद ग्रहण करके अपना भोजन भी प्राप्त करे |
पशुपतिनाथ आरती Pashupatinath Aarti Lyrics ( Pradeep Mishra )
जय पशुतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
भक्त जनों की संकट
दासों जनों के संकट
पल में दूर करें।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
अष्टमुखी शिव नाम तिहारो
शरण में आए तेरे
स्वामी शरण में आए तेरे
इक्षा फल प्रभु देहु
कष्ट हटाओ मेरे।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
शिव ना तट पर आप बिराजे
पूजे नर नारी
निशदिन तुमको ध्यावे
भक्तन हितकारी।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
तुम हो जग के स्वामी शंभू
अन धन के भरता
स्वामी अन धन के भरता
अष्टमुखी त्रिपुरारी
जग तम के हरता।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
तन मन धन सब अर्पण
आरती भोले गाएं
तुम हो दया के सागर
द्वार तुम्हारे आए।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
दास जनों के संकट
दासों जनों के संकट
पल में दूर करें।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
By Pradeep Mishra
Pashupati Aarti : श्री पशुपति नाथ जी की आरती | Shri Pashupati Nath Ji Ki Aarti
ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा ।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥ ॐ जय गंगाधर
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने ।
गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ ॐ जय गंगाधर
कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता ।
रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर
तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता ।
तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर
क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम् ।
इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम् ॥ ॐ जय गंगाधर
बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता ।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥ ॐ जय गंगाधर
धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते ।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते॥ ॐ जय गंगाधर
रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता ।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥ ॐ जय गंगाधर
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते ।
अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥ ॐ जय गंगाधर
कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम् ।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम् ॥ ॐ जय गंगाधर
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम् ।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम् ॥ ॐ जय गंगाधर
मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम् ।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम् ॥ ॐ जय गंगाधर
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम् ।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥ ॐ जय गंगाधर
शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते ।
नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते ॥ ॐ जय गंगाधर
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा ।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर
ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा ।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर
संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते ।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥ ॐ जय गंगाधर
॥ इति श्री पशुपति नाथ आरती संपूर्णम् ॥
Shri Pashupati Nath Ji Aarti In English (पशुपति व्रत की विधि प्रदीप मिश्रा)
Om Jai Gangadhar Jai Har Jai Girijadhisha.
Twam Maa Palaaya Nityam Kripa Jagdisha. Om Jai Gangadhar
Kailase Girishikhare Kalpadramvipine.
Gunjati Madhukarpunje Kunjwane Gahne. Om Jai Gangadhar
Kokilkuzit Khelat Hansavan Lalita.
Rachyati Kalakalapam Nritya Mudasahita. Om Jai Gangadhar
Tasmillitlitudeshe Shala Manirachita.
Tanmadhye Harnikte Gauri Mudsahita. Om Jai Gangadhar
Kerrda Rachyati Bhusarchit Nizamisham.
Indradik Sur Sewat Namayate Shisham. Om Jai Gangadhar
Bibudhabadhu Bahu Nrityaat Namayate Mudsahita.
Kinnar Gaayan Kurute Sapt Swar Sahita. Om Jai Gangadhar
Dhinakat Tai Tai Dhinakat Mridang Vaadate.
Kwan Kwan Lalita Venu Madhuram Natayate. Om Jai Gangadhar
Rupa Rune Charane Rachyita Nupurumuzhvlita.
Chakravarte Brhyati Kurute Tam Dhik Tam. Om Jai Gangadhar
Tam Tam Lup Chup Tam Tam Damru Wadyate.
Angusthangulinand Lasakatam Kurute. Om Jai Gangadhar
Kapoorradyutigauram Panchananasahitam.
Trinayanshidharamoulin Vishdharkanthyutam. Om Jai Gangadhar
Sundarajatayakalapam Pavakyutabalam
Damrutrishulapinkam Kardhritrnrkapalam. Om Jai Gangadhar
Mundai Rachiyati Mala Pannagamupaveetam.
Vaamvibhage Girijarupam Atilalitam. Om Jai Gangadhar
Sundarasakalasriere Kritabhasabharamanam.
Iti Vrishabhadvajarupam Tapatraharanam. Om Jai Gangadhar
Shankhaninadam Kritwa Jhalari Nadayate.
Neerajayate Brahma Vedruchaan Pathete. Om Jai Gangadhar
Amritdrucharansarojam Hratkmale Dritva.
Avalokayati Mahesham Ishaan Abhinavatha. Om Jai Gangadhar
Dhyan Aarti Samaye Hridyea Ati Kritva.
Ramastrijatanatham Ishaan Abhinavatha. Om Jai Gangadhar
Sangatimevam Pratidin Pathan Yah Kurute.
Shivasayujya Gachhati Bhaktya Ya Shrishunte. Om Jai Gangadhar
पशुपतिनाथ व्रत पर अंतिम शब्द : पशुपति व्रत की विधि प्रदीप मिश्रा
दोस्तों आज के आर्टिकलमे आपने जाना की पशुपतिनाथ व्रत के बारे मे जाना जैसे पशुपति व्रत के फायदे, पशुपतिनाथ व्रत कब से शुरू करें, पशुपतिनाथ व्रत के नियम, पशुपतिनाथ व्रत मंत्र, पशुपतिनाथ व्रत किसे नहीं करना चाहिए, पशुपतिनाथ व्रत की विधि,पशुपतिनाथ व्रत की सामग्री, पशुपतिनाथ व्रत का उद्यापन विधि आदि की जानकारी आपको प्राप्त हुई | आशा है आपको आर्टिकल पसंद आया होगा, और अगर मुझसे कोई चीज लिखने मे गलती हुई हो तो मुझे क्षमा करे | और इस आर्टिकल को और भी लोगो के साथ शेयर करे |
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