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Om Banna Story in Hindi |
Om Banna Story in Hindi ( ओम बन्ना की कहानी )
राजस्थान के पाली जिले के रोहट उपखण्ड मुख्यालय से पाली की ओर नेशनल हाईवे 62 पर के पास स्थित श्री ओम बन्ना om Banna का धार्मिक स्थान जिस पर हर वक्त श्रद्धालुओं का रैला उमड़ता है। यह वह सच्चा दरबार है, जहां पर शीश नवाते ही हर कामना को ओम बन्ना पूरी करते है।
श्री ओम बन्ना का जन्म आज से 34 वर्ष पहले चोटिला गांव में 05 मई 1965 वैशाख सुदी अष्टमी को हुआ था। | Om Banna अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर ओमसिंहजी पुत्र जोगसिंहजी जाति राजपूत निवासी चोटिला तहसील रोहट जिला पाली, पाली से अपने गांव चोटिला आ रहे थे, आते वक्त दुर्घटना घटित हुई |
जिसमें ओम बन्ना के नाम से प्रसिद्ध स्थान के निकट ही इनका एक पेड़ के पास दिनांक 02-12-1988 मिगसर वद अष्टमी विक्रम संवत 2045 को स्वर्गवास हो गया जिसमें कुदरत का संजोग रहा कि ओम बन्ना के जन्म एवं स्वर्गवास की तिथि एक ही रही बताया जाता है कि ओम बन्ना मोटरसाइकिल से नीचे नहीं गिरे एवं उस पर ही बैठे रहे न ही मोटरसाइकिल नीचे गिरी मोटरसाइकिल भी इसी पेड़ के नीचे जाकर रुक गयी थी।
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ओम बन्ना के थान के पास ही इनकी बुलेट मोटरसाइकिल रखी हुई है जिसके बारे में बताया जाता है कि दुर्घटना के बाद पुलिस थाने में मोटरसाइकिल रखी होने के दौरान स्वतः ही स्टार्ट हो जाती थी जिस पर पुलिस कर्मियों द्वारा स्वयं ही मोटरसाइकिल को ओम बन्ना के स्थान पर लाया गया था जहां आज भी ओम बन्ना स्थान के पास ओम बन्ना om banna की प्रतिमा के साथ मोटरसाइकिल की भी पूजा अर्चना होती।
श्रद्धालु शीश नवाकर मन्नते मांगते हैं वहीं नई मोटरसाइकिल आदि खरीदने वाले श्रद्धालु ओम बन्ना की मोटरसाइकिल के भी माला पहनाकर अपनी नई बाइक पर भी माला पहनाते हैं। यह भी बताया जाता है कि दुर्घटना के कुछ दिनों बाद ट्रक ड्राईवर को पहली बार इन्हों ने दिखावा दिया फिर यह दौर चलता रहा बाद में एक दिन ट्रक वाले को इन्होंने रूबरू प्रकट होकर इसी जगह पर रूकवाया एवं पत्थर की गाड़ी खाली करने को कहा व स्थान हेतु निर्माण कार्य करवाने की बात कही। ट्रक चालक ने गाड़ी खाली कर वापस देखा तो वो नहीं दिखे।
Om Banna Ki Kahani
ओम बन्ना अपने दादीसा को भी स्वप्न में दिखाई दिये थे। ओम बन्ना Om Banna के पिताजी स्व. जोगसिंह चोटिला गांव के ठाकुर थे एवं सरपंच पद पर भी रहे सरपंच पद पर रहते हुए आप सरकार द्वारा सम्मानित किये गये थे उस दिन की घटना के बाद जीवन काल में एक समय ही भोजन किया व ओम बन्ना के माताजी स्वरूप कंवर ने भी इसी आस्था में जीवन व्यतीत किया। स्व. जोगसिंह ने 1979 की बाढ़ आने पर पूरी ट्रेन को अपने यहां पांच दिन तक भोजन की व्यवस्था की थी।
ठाकुर स्व. जोगसिंह चोटिला देवी मां के भक्त रहे हैं व नित्य कर्मों में नियमित पूजा अर्चना के साथ अपनी दिन चर्या शुरू करते थे। ओम बन्ना के निधन के बाद एक मात्र पुत्र महान पराक्रमीसिंह ने जन्म लिया था जो आज आमजन के बीच बखूबी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं ओमबन्ना की धर्मपत्नी श्रीमती उर्मिला कंवर वर्तमान में चोटिला के निर्विरोध सरपंच पद पर निर्वाचित है।
स्व. जोगसिंहजी के भी ओम बन्ना एक ही पुत्र थे। ओम बन्ना की पुण्य तिथि पर हर वर्ष विशाल भजन संध्या के साथ महा प्रसादी का आयोजन होता है, जिसमें दूर दराज व देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बुलेट बाबा के नाम से भी प्रसिद्ध हुये ।
का धार्मिक स्थान जिस पर हर वक्त श्रद्धालुओं का रैला उमड़ता है। यह वह सच्चा दरबार है, जहां पर शीश नवाते ही हर कामना को ओम बन्ना पूरी करते है। श्री ओम बन्ना का जन्म चोटिला गांव में 05 मई 1965 वैशाख सुदी अष्टमी को हुआ था।
आज से 34 वर्ष पहले अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर ओमसिंहजी पुत्र जोगसिंहजी जाति राजपूत निवासी चोटिला तहसील रोहट जिला पाली, पाली से अपने गांव चोटिला आ रहे थे, आते वक्त दुर्घटना घटित हुई जिसमें ओम बन्ना के नाम से प्रसिद्ध स्थान के निकट ही इनका एक पेड़ के पास दिनांक 02-12-1988 मिगसर वद अष्टमी विक्रम संवत 2045 को स्वर्गवास हो गया जिसमें कुदरत का संजोग रहा कि ओम बन्ना के जन्म एवं स्वर्गवास की तिथि एक ही रही बताया जाता है कि ओम बन्ना मोटरसाइकिल से नीचे नहीं गिरे एवं उस पर ही बैठे रहे न ही मोटरसाइकिल नीचे गिरी मोटरसाइकिल भी इसी पेड़ के नीचे जाकर रुक गयी थी।
ओम बन्ना ( Om Banna ) के थान के पास ही इनकी बुलेट मोटरसाइकिल रखी हुई है जिसके बारे में बताया जाता है कि दुर्घटना के बाद पुलिस थाने में मोटरसाइकिल रखी होने के दौरान स्वतः ही स्टार्ट हो जाती थी जिस पर पुलिस कर्मियों द्वारा स्वयं ही मोटरसाइकिल को ओम बन्ना के स्थान पर लाया गया था जहां आज भी ओम बन्ना स्थान के पास ओम बन्ना की प्रतिमा के साथ मोटरसाइकिल की भी पूजा अर्चना होती।
श्रद्धालु शीश नवाकर मन्नते मांगते हैं वहीं नई मोटरसाइकिल आदि खरीदने वाले श्रद्धालु ओम बन्ना की मोटरसाइकिल के भी माला पहनाकर अपनी नई बाइक पर भी माला पहनाते हैं। यह भी बताया जाता है कि दुर्घटना के कुछ दिनों बाद ट्रक ड्राईवर को पहली बार इन्हों ने दिखावा दिया फिर यह दौर चलता रहा बाद में एक दिन ट्रक वाले को इन्होंने रूबरू प्रकट होकर इसी जगह पर रूकवाया एवं पत्थर की गाड़ी खाली करने को कहा व स्थान हेतु निर्माण कार्य करवाने की बात कही। ट्रक चालक ने गाड़ी खाली कर वापस देखा तो वो नहीं दिखे।
ओम बन्ना अपने दादीसा को भी स्वप्न में दिखाई दिये थे। ओम बन्ना के पिताजी स्व. जोगसिंह चोटिला गांव के ठाकुर थे एवं सरपंच पद पर भी रहे सरपंच पद पर रहते हुए आप सरकार द्वारा सम्मानित किये गये थे उस दिन की घटना के बाद जीवन काल में एक समय ही भोजन किया व ओम बन्ना के माताजी स्वरूप
कंवर ने भी इसी आस्था में जीवन व्यतीत किया। स्व. जोगसिंह ने 1979 की बाढ़ आने पर पूरी ट्रेन को अपने यहां पांच दिन तक भोजन की व्यवस्था की थी। ठाकुर स्व. जोगसिंह चोटिला देवी मां के भक्त रहे हैं व नित्य कर्मों में नियमित पूजा अर्चना के साथ अपनी दिन चर्या शुरू करते थे। ओम बन्ना के निधन के बाद एक मात्र पुत्र महान पराक्रमीसिंह ने जन्म लिया था जो आज आमजन के बीच बखूबी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहे हैं|
ओमबन्ना की धर्मपत्नी श्रीमती उर्मिला कंवर वर्तमान में चोटिला के निर्विरोध सरपंच पद पर निर्वाचित है। स्व. जोगसिंहजी के भी ओम बन्ना एक ही पुत्र थे। ओम बन्ना की पुण्य तिथि पर हर वर्ष विशाल भजन संध्या के साथ महा प्रसादी का आयोजन होता है, जिसमें दूर दराज व देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बुलेट बाबा के नाम से भी प्रसिद्ध हुये ।
Om Banna Temple (ओम बन्ना धाम कहां पर है ):
ओम सिंह राठौड़ (जिन्हें श्री ओम बन्ना और बुलेट बाबा भी कहा जाता है) | भारत के जोधपुर के पास पाली जिले में स्थित एक मंदिर है | जिन्हें ओम बन्ना कहा जाता है। यह पाली से 20 किलोमीटर (12 मील) और जोधपुर से 53 किलोमीटर (33 मील) दूर चोटिला गाँव के पास पाली-जोधपुर राजमार्ग पर स्थित है। मोटरसाइकिल एक 350cc रॉयल एनफील्ड बुलेट RNJ 7773 है।
FAQ : OM Banna Story in Hindi
Q 1. ओम बन्ना का जन्म कब हुआ था ?
Ans. श्री ओम बन्ना का जन्म आज से 34 वर्ष चोटिला गांव में 05 मई 1965 वैशाख सुदी अष्टमी को हुआ था।
Q 2. ओम बन्ना का स्थान कहां है?
Ans. पाली से 20 किलोमीटर (12 मील) और जोधपुर से 53 किलोमीटर (33 मील) दूर चोटिला गाँव के पास पाली-जोधपुर राजमार्ग पर स्थित श्री ओम बन्ना का मंदिर है|
Q 3. ओम बन्ना के पुत्र का क्या नाम है?
Ans. ओम बन्ना के पुत्र का नाम महापराक्रमी सिंह है |
Q 4. ओम बन्ना की पत्नी का क्या नाम है ?
Ans. ओमबन्ना की धर्मपत्नी श्रीमती उर्मिला कंवर है |
Q 5. ओम बन्ना की डेथ कैसे हुई?
Ans. Om Banna अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर ओमसिंहजी पुत्र जोगसिंहजी जाति राजपूत निवासी चोटिला तहसील रोहट जिला पाली, पाली से अपने गांव चोटिला आ रहे थे, आते वक्त दुर्घटना घटित हुई |
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अर्जुन सिंह है. मै अभी बीकॉम से ग्रेजुएशन कर रहा हूं। मुझे वेबसाइट पर आर्टिकल लिखना और शेयर करना बहुत पसंद है। मुझे जितनी भी नॉलेज है वो आपके साथ हमेशा साझा करता रहूंगा। मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद!