New Shark Amit Jain Cardekho Wiki : Success Story

Shark Tank Season 2 New Shark Amit Jain 

New Shark Amit Jain Cardekho Wiki Success Story
 Amit Jain Cardekho Wiki: Success Story

 

 

शाह टाइम्स इंडिया सीजन 2 भारत पर के कोफाउंडर अश्लील ग्रोवर बाहर तो वही ने शार्क कारदेखो के फाउंडर अमित जैन अंदर तो अकलहै को नियमित जान कैसे उन्होंने कार देखो कोई क्यों नहीं कौन बनाया और अपनी जर्नी में उन्हें किन किन प्रॉब्लम से गुजरना पड़ा। सब को जानेंगे। आज के इस article में बेसिकली अमित जैन का जन्म जयपुर राजस्थान में हुआ था। 

 

उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई सेंट जेवियर स्कूलसे की और फिर आईआईटी दिल्ली से बीटेक पूरा करके 1999 में उन्होंने टाटा कंसलटेंसी सर्विस यानी कि 30 ईयर में जॉब करना स्टार्ट कर दिया। पीसीएस के लिए करीब 1 साल काम करने के बाद उन्होंने अमेरिकन सॉफ्टवेयर कंपनी ट्रायलॉजिक कोज्वाइन कर लिया और वहां पर ऐसा प्रोडक्ट मैनेजर काम करने लगी, लेकिन 2006 में उनके पिता को कैंसर की बीमारी हो गई जिसकी वजह से मजबूरी में उन्हें जॉब छोड़ कर वापस इंडिया आना पड़ा और फिर भारत आकर उन्होंने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का मन बनाया। वैसे अमित के पिता सेमी प्रेशियस जेम स्टोंस।

 

अच्छा खासा बिजनेस चलाते थे लेकिन इस बिजनेस में उनका मन नहीं था। जेमस्टोंस बोले तो वही रत्न जो हमें एस्ट्रोलॉजर पहनने की सलाह देते हैं। अब कुछ नया शुरू करने की सोच से आगे बढ़ते हुए अमित ने अपने भाई अनुराग जैन के साथ मिलकर जयपुर में ही गिरनारसॉफ्ट नाम से एक सॉफ्टवेयर कंपनी की शुरुआत की। वैसे बात करें। अमित जैन के भाई अनुराग की तो उन्होंने भी आईआईटी दिल्ली से ही बीटेक की पढ़ाई कंप्लीट की थी और इसके बाद उन्होंने कई सारे रेपुटेड कंपनीज में भी काम किया। 

 

लेकिन फिर अपनी कंपनी गिरनारसॉफ्ट को आगे ले जाने के लिए अमित और अनुराग दोनों ने खूब मेहनत की। लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी इस कंपनी को स्टार्ट करने के सिर्फ 1 साल के अंदर उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। यहां तक कि उनकी वह कंपनी दिवालिया होने के कगार पर आ चुकी है लेकिन अब टाइम था दोनों भाइयों की लाइफ के सबसे बड़े टर्निंग प्वाइंट की असली हुआ यह कि 2008 के दौरान अमित और अनुराग दिल्ली के एक ऑटो एक्सपो को विजिट करने पहुंचे ।

 

और यहीं से उन्हें एक नया बिजनेस शुरू करने का आईडिया गया। ऑटो एक्सपो से आने के बाद कुछ महीने उन्होंने मार्केट रिसर्च में बिताए और फिर 2008 में दोनों भाइयों ने एक साथी मिलकर कारदेखो कंपनी को शुरू किया। उनकी इस कंपनी के लिए शुरूआत का समय काफी अच्छा रहा। जहां देखते ही देखते पहले 2 साल के अंदर ही कंपनी अच्छे खासे प्रॉफिट में आ गई। लेकिन अब सवाल यह आता है कि हम इतनी कार देखो कि आखिर शुरुआत क्योंकि तो दोस्तों कहते हैं ना कि जो भी कंपनी लोगों की किसी बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्वकरती है, वह मार्केट में बहुत तेजी से आगे बढ़ जाती है और ठीक है। यही काम कर देखो ने भी किया। अकेले अमित जैन ने देखा कि इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट में ऐसी कई सारी प्रॉब्लम से जिन्हें की कोई सवाल भी नहीं कर रहा। खासतौर से पुरानी कार को खरीदना याबेचना लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सरदर्द बना हुआ थाक्योंकि हर इंसान पुरानी कार खरीदते समय गाड़ी की हर एक चीज को चेक नहीं कर सकता। ऐसे में लोगों को सिर्फ बेचने वाले व्यक्ति की बात पर भरोसाकरके कार खरीदनी पड़ती थी।

 

और दोस्तों यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम थी जिससे कि अमित जैन ने कारदेखो के जगह सॉल्व किया और तेजी से तरक्की करते हुए कुछ ही सालों में यूनिकॉर्न स्टेटस हासिल कर लिया। आज अगर आपको कोई भी नहीं या पुरानी कार खरीदने या बेचने हो तो इसके लिए आपको कहीं भी और जाने की जरूरत नहींहै क्योंकि कारदेखो ने कार को खरीदना ऑनलाइन शॉपिंग कीतरह आसान बना दिया है और सिर्फ कार खरीदना या बेचना ही नहीं बल्कि एक कार देखो। प्रकार से रिलेटेड किसी भी सामान्य सर्विस को आप इंटरनेट के जरिए बड़ी हीआसानी से पा सकते हैं। 

 

इनके इस प्लेटफार्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर आप कार के प्राइस और फीचर्स को कंपेयर कर सकते हैं और यूजर रिव्यु पढ़कर अपने लिए एक बेस्ट कार्टून सकते हैं। अब आपके मन में यह सवाल तो जरूर आरहा होगा कि कार देखो कोई ऐसा काम तो नहीं करते जिसे कि कोई और कंपनी कॉपी ना कर सके तोफिर क्या है? सी वजह है कि इस इंडस्ट्री में कंपनी का कोई मुकाबला नहीं। असल में तोउसको कारदेखो ने ऐसे कई सारे काम किए हैं और अभी कर भी रही है।

 

इस कंपनी को यूनिक बनाते हैं तो चलिए एक एक करके उन सभी रिजल्ट के बारे में जानते हैंजिनकी बदौलत आज इस कंपनी की वैल्यूएशन 1.2 बिलीयन डॉलर्स को क्लोज कर चुकी है। नंबर वन कार देखो एक ऐसे बिजनेस को इंटरनेट पर लाया जो की पूरी तरह से ऑफलाइन भेज थी और इस कंपनी ने ही पहली बार भारत में कार जैसी चीजों को वर्चुअल खरीदना और बेचना सिखाया ना बांटो कंपनी ने हमेशा सही कस्टमर सर्विस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया और अपना पूरा फोकस उनके प्रॉब्लम को सॉल्व करने पर लगाया जिससे कि उनकी माउथ टो माउथमार्केटिंग काफी तेजी से हुई और कार देखो। बहुत जल्दी लोगों तक पहुंच गया। नंबर थ्री कारदेखो वॉइस वर्चुअल असिस्टेंट के साथ कस्टमर को 360 विजुअल्स के जरिए कार की टेक्निकल इंफॉर्मेशन और फीचर्स की जानकारी देता है जो कि हर एक कस्टमर को उसकी जरूरत के हिसाब से एक सही दिल चुनने मेंकाफी मदद करता है। वैसे इन सब चीजों के अलावा कारदेखो के फाइनेंसियल स्ट्रक्चर की अगर बात करें तो इस समय!

 

कंपनी का हेड क्वार्टर जयपुर में और पिछले साल यानी की फाइनेंसियल ईयर 2021 में इसका रेवेन्यू 108 मिलियन डॉलर यानी करीब 885 करोड रुपए रहा था। इसके अलावा 2021 तक कंपनी की टोटल फंडिंग पुणे 7 पॉइंट 5 मिलियन डॉलर ऐस्टीमेटेड वैल्यूएशन 1.2 बिलीयन डॉलर की करी थी। इस समय कारदेखो प्रॉफिट रन करने के मामले मेंभी काफी अच्छे लेवल पर है जो कि साल 2020 मेंकंपनी का टोटल रेवेन्यू 706 करोड रुपए रहा था |

 

जो कि 2021 में बढ़कर 884 करोड रुपए को क्रॉस कर गया।यानी कि कंपनी की या रौनियार ग्रोथ 20% केआसपास है जो कि वाकई में कमाल का नंबर है। वैसे पुरानी या नई कार को खरीदने और बेचने के अलावा कार देखो। अपने इस जोड़ पर फोटो मोबाइल एसेसरीज स्पीकर कॉलेज रात्रि में 1 फ्लोर मैट्स कार, मोबाइल चार्जर, शैंपू, नेविगेटर सीट कवर फायर एलॉय व्हील कार परफ्यूम वन फिल्म जैसी प्रोडक्ट को सैलरी करता है 

 

इसके साथी कार देखो फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइड करने का भी काम करता है या नहीं। अगर आप को कार से रिलेटेड कोई भी फाइनेंसियल सर्विस जैसे कार लोन या इंश्योरेंस लेना हो तो वह भी कार देखो की वेबसाइट पर पॉसिबल है। पर अपनी सर्विस के लिए कारदेखो ने दो कंपनियों बैंक bazar.com और बर्कशायर इंश्योरेंस के साथ में हाथ मिलाया हुआ है और दोस्तों कारदेखो के स्ट्रेटजी आम लोगों के साथ-साथ इन्वेस्टर्स को भी काफी पसंद आते हैंऔर यही वजह है कि गूगल कैपिटल ताइवान, कैपिटल हिल हाउस,

 

कैपिटल, एचडीएफसी बैंक, शार्ट टाइम्स इंटरनेट जैसी बड़ी और फेमस कंपनियों के साथ-साथ रतन टाटा ने भी इस कंपनी में इन्वेस्ट किया हुआ है। 

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